● गोवा के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने लाइटहाउस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया और 100% रिसाइकिल्ड प्लास्टिक से बनी प्रतीकात्मक कलाकृति ‘द फिशरमैन कास्टिंग नेट’ का अनावरण किया।
● मॉन्डेलीज़ इंडिया ने गोवा के मापसा में पांच साल की साझेदारी के तहत एक पायलट स्टडी शुरू की है, जिसमें 1000 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल किया जाएगा। इसका मकसद प्लास्टिक को पुन: उपयोग में लाने के लिए एक स्थायी ढांचा तैयार करना है।
मापुसा, 15 अक्टूबर 2024: मॉन्डेलीज़ इंडिया ने गोवा के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की उपस्थिति में मापुसा में अपना 'लाइटहाउस प्रोजेक्ट' आधिकारिक रूप से लॉन्च किया। इस प्रोजेक्ट के जरिए कंपनी ने पर्यावरण को साफ और सुरक्षित रखते हुए विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है। यह पांच साल की योजना गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मापुसा नगर परिषद के सहयोग से शुरू की गई है। इसका उद्देश्य कचरा प्रबंधन की चुनौतियों को हल करना और सर्कुलर इकोनॉमी में योगदान देना है। इस प्रोजेक्ट के तहत 1,000 मीट्रिक टन से ज्यादा प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल किया जाएगा।
गोवा के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा, ‘‘मुझे गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ भागीदारी में मॉन्डेलीज़ इंडिया की सीएसआर पहल के तहत प्लास्टिक्स सर्कुलरिटी के लिये लाइटहाउस प्रोजेक्ट लॉन्च करके बहुत खुशी हुई। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य मापुसा में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में बदलाव लेकर आना है और इसका फोकस मुख्य रूप से प्लास्टिक वेस्ट में चक्रीयता लाने पर होगा।
मॉन्डेलीज़ इंडिया के प्रेसिडेंट, समीर जैन ने कहा, "पर्यावरण के अनुकूल विकास हमारी कंपनी की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है, और लाइटहाउस प्रोजेक्ट प्लास्टिक को पुन: उपयोग में लाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो सरकार के कचरा प्रबंधन के दृष्टिकोण के अनुसार है। यह प्रोजेक्ट तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है – व्यवहार में बदलाव, बुनियादी ढांचे का विकास, और डिजिटल नवाचार। हम कचरे के संग्रह को बढ़ाकर, स्थिरता को बढ़ावा देकर, और पूरे समुदाय को शामिल करके सर्कुलर इकोनॉमी का आधार तैयार कर रहे हैं।"
इस लॉन्च के दौरान, गोवा के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने ‘द फिशरमैन कास्टिंग नेट’ का अनावरण किया। यह कलाकृति पूरी तरह 100% रिसाइकिल किए गए प्लास्टिक से बनी है और समुद्र के किनारे रहने वाले समुदायों की आजीविका को दर्शाती है। इस कार्यक्रम में गोवा सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी और मॉन्डेलीज़ के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे, जैसे कि गोवा के मंत्री एलेक्सियो सेक्वेरा, मॉन्डेलीज़ इंटरनेशनल इंडिया के प्रेसिडेंट समीर जैन और मॉन्डेलीज़ की वाइस प्रेसिडेंट ओफिरा भाटिया। यह अनूठी कलाकृति, जो गोवा के मीरामार सर्किल में स्थापित है, लोगों को पर्यावरण और धरती की रक्षा के लिए प्लास्टिक कचरे को रीसाइकिल करने और
उसका दोबारा उपयोग करने का संदेश देती है। यह कलाकृति स्वच्छ और हरे-भरे भविष्य की दिशा में किए गए इस प्रोजेक्ट के उद्देश्य को दिखाती है।
लाइटहाउस प्रोजेक्ट को मापुसा नगर परिषद (एमएमसी) के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें अनुभूति वेलफेयर फाउंडेशन (AWF) कार्यान्वयन भागीदार और रिस्पॉन्सिबिल अर्थ फाउंडेशन (REF) संचालन भागीदार के रूप में शामिल हैं। यह प्रोजेक्ट प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को सर्कुलर इकोनॉमी में बदलने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य मौजूदा कचरा संग्रह प्रणाली को स्मार्ट कचरा संग्रह प्रणाली में अपग्रेड करना है, जिससे बड़ी मात्रा में रिसाइकिल योग्य प्लास्टिक को इकट्ठा किया जा सकेगा। साथ ही, इस प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर पारदर्शिता और कचरे की पहचान की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। इस पहल का लक्ष्य अगले पांच सालों में कचरा प्रबंधन को स्थिर करना, रिसाइकिल किए गए सामग्रियों के लिए बाजार बनाना और डिजिटल नवाचार के जरिए कार्यकुशलता बढ़ाना है, ताकि मेटेरियल रिकवरी फेसिलिटी (MRF) एक लाभदायक उद्यम के रूप में स्थापित हो सके।
पर्यावरण पर स्थायी प्रभाव डालने के साथ ही, यह प्रोजेक्ट जागरूकता अभियानों के माध्यम से व्यवहार में बदलाव लाने पर भी ध्यान दे रहा है। इसका लक्ष्य 50,000 से अधिक नागरिकों और औपचारिक-अनौपचारिक सफाई कर्मचारियों तक पहुंचना है। मापुसा में 120 से अधिक सफाई मित्रों को इस पहल से जोड़ा गया है, जिससे उन्हें सर्कुलर वेस्ट इकोनॉमी में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में सशक्त किया जा रहा है।
लाइटहाउस प्रोजेक्ट में समुदाय द्वारा संचालित गतिविधियां भी शामिल हैं, जैसे सफाई अभियान और सामग्री संग्रह अभियान। इनका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण में लोगों की भागीदारी बढ़ाना है। इस परियोजना के तहत स्कूलों और कॉलेजों से जुड़कर युवाओं में प्लास्टिक कचरे के सही प्रबंधन के प्रति जागरूकता पैदा की जा रही है। इसका मकसद ऐसी युवा पीढ़ी तैयार करना है, जो प्लास्टिक के पुन: उपयोग और सर्कुलर इकोनॉमी के प्रति प्रतिबद्ध हो। शैक्षिक कार्यक्रमों के जरिए इस क्षेत्र के स्कूलों को टिकाऊ विकास के बारे में जागरूक किया जाएगा।
इस परियोजना के उद्घाटन समारोह में स्थानीय समुदाय को शामिल करने के लिए एक प्लॉग रन (दौड़ के साथ कचरा इकट्ठा करने का अभियान) का आयोजन भी किया गया। इसका मकसद पर्यावरण के अनुकूल भविष्य के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत को समझाना था। कार्यक्रम में गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान द्वारा एक सूचनात्मक वीडियो और प्रस्तुति दी गई, जिसमें एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (EPR) और बेहतर प्रथाओं पर जानकारी दी गई।