Katni Barish News: भारी बारिश ने एमपी के कटनी में मचाई तबाही, तीन दिन से भूखे प्यासे
आपदा के मंजर को करीब से एक न्यूज चैनल ने रिपोर्ट की है, जिसमें उसमें बताया कि, कटनी के ग्राम छोटी कछार में अब बाढ़ का पानी उतरने लगा है। इस गांव में चारों तरफ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री आवास में बने पक्के मकान ही बचे है, जबकि कच्चे घर पूरी तरह से तरह नहस हो गए है। वहीं, लोगों के घरों में रखा सामान पूरी तरह से खराब हो गया है। और वह निकालकर बाहर फैक रहे है।
Madhya Pradesh Weather News Today: भारी बारिश से देश के कई राज्य परेशान है। इस बीच मध्य प्रदेश भी अछूता नहीं रहा है। प्रदेश के कटनी में बीते गुरूवार को अधिक बारिश गिरने से कई गांवों में बाढ़ आई गई थी। लोगों को अपनी जान बचाने के लिए घरों की छत व पेड़ों पर बैठना पड़ा। लेकिन अब धीरे-धीरे बाढ़ का पानी कम हो रहा है, वैसे ही तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। इसे देखकर ग्रामीणों की आंखों से आंसू छलक उठे है।
बात दें, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा, इसमें तीन लोग ट्रेन के आगे चल रहे है और उनके पीछे ट्रेन ट्रेंक पर चलते हुए दिखाई दे रही है। ये स्लीमनाबाद व डुंडी स्टेशन के बीच इमलिया रेल फाटक का है। जिसे पानी भरने की वजह से रेलकर्मी धीरे-धीरे बाहर निकाल रहे है।
PM Awas के बचे घर, बाकी बह गए
आपदा के मंजर को करीब से एक न्यूज चैनल ने रिपोर्ट की है, जिसमें उसमें बताया कि, कटनी के ग्राम छोटी कछार में अब बाढ़ का पानी उतरने लगा है। इस गांव में चारों तरफ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री आवास में बने पक्के मकान ही बचे है, जबकि कच्चे घर पूरी तरह से तरह नहस हो गए है। वहीं, लोगों के घरों में रखा सामान पूरी तरह से खराब हो गया है। और वह निकालकर बाहर फैक रहे है।
घर के सामान में खाने पिने से लेकर कई जरूरी चीजें खराब हो गई है। खराब होते सामान को देखकर लोगों की आंखें नम हो गई है। और सरकार की से आश लगाकर बैठे है, ताकि उनको थोड़ी राहत मिल सकें।
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तीन दिन से भूखे प्यासे, नहीं मिली मदद
ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक, छोटी कछार में दो दर्जन से अधिक घर है। यहां पर करीब 1000 लोग बसते है। 70 साल में पहली बार ऐसी बारिश यहां पर देखी है। गांव में दोपहर तक बारिश थमी ही नहीं थी कि, बाढ़ जैसी स्थिति बनने लग गई थी। बाढ़ आने पर लोगों ने घरों की छत और पेड़ों पर बैठकर अपनी जान बचाई। प्रशासन के लोग यहां आए थे, लेकिन उनके रवैये से नाराज थे। हमारी मदद के लिए अभी तक कोई नहीं आया है। हम तीन दिन से भूखे प्यारे है, किसी ने भी सुध नहीं ली है। बारिश में हमारा सबकुछ बर्बाद हो गया है और बच्चे भूख से तड़प रहे है।
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