संभागीय उपायुक्त गणेश भाँवर से 'महेश्वर' कनेक्शन के चलते एसी आफ़िस खरगोन का 'दामाद' बनकर बैठा है राजेन्द्र वर्मा

संभागीय उपायुक्त गणेश भाँवर से 'महेश्वर' कनेक्शन के चलते एसी आफ़िस खरगोन का 'दामाद' बनकर बैठा है राजेन्द्र वर्मा

संभागीय उपायुक्त गणेश भाँवर से 'महेश्वर' कनेक्शन के चलते एसी आफ़िस खरगोन का 'दामाद' बनकर बैठा है राजेन्द्र वर्मा

सहायक आयुक्त कार्यालय खरगोन का पूर्व विवादास्पद दलाल लेखापाल राजेन्द्र वर्मा स्थानान्तरण होने के चार महीने बाद भी 'निर्माण शाखा' को बदस्तूर चला रहा है. खबर इंडिया की पड़ताल में पता चला है कि संभागीय उपायुक्त गणेश भाँवर और उन्ही के आफ़िस के एक अन्य कर्मचारी रामलाल चौहान से नजदीकी का फ़ायदा उठाकर तबादले के चार महीने बाद भी राजेन्द्र वर्मा एसी आफ़िस खरगोन का 'दामाद' बनकर बैठा है.

खबर इंडिया के खुलासो के बाद राजेन्द्र वर्मा का आदेश सिर्फ़ औपचारिकता निभाने के लिए सहायक परियोजना प्रशासक खरगोन में ही दो कदम की दूरी पर कर दिया गया था. पिछले छह साल से निर्माण शाखा चला रहे राजेन्द्र वर्मा ने जिले के एक-एक ठेकेदार के साथ पर्सनल सेटिन्ग कर रखी है. एक मामूली सा बाबू होने के बावजूद भी अपनी दोनों बेटियो की शादी शाही अंदाज में करने वाला राजेन्द्र वर्मा सहायक आयुक्तो को अपनी जेब में रखने का दावा खुलेआम करता है.

अपनी इसी दूकानदारी को बनाए रखने के लिए राजेन्द्र वर्मा ने अपना स्थानान्तरण दो कदम दूर करवा लिया और अपने खास हरीश परसाई को निर्माण शाखा दिला दी, जिसे कम्प्यूटर की एबीसीडी भी नहीं आती और उसके रिटायर्मेन्ट में भी एक साल बचा है.

इसी का फ़ायदा उठाकर राजेन्द्र वर्मा पिछले चार महीने से स्थानान्तरण होने के बाद भी अभी भी धड़ल्ले से निर्माण शाखा का पूरा काम सम्भाल रहा है.

खबर इंडिया ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि संभागीय उपायुक्त गणेश भाँवर और संभागीय उपायुक्त कार्यालय इंदौर के ही एक अन्य कर्मचारी रामलाल वर्मा से नजदीकी के चलते निर्माण शाखा से हटने का नाम नहीं ले रहा है.

सूत्रो के मुताबिक गणेश भाँवर, रामलाल चौहान और राजेन्द्र वर्मा तीनो ही महेश्वर के हैं. इसी का फ़ायदा उठाकर राजेन्द्र वर्मा खरगोन सहायक आयुक्त जे एस डामोर पर भी दबाव बनाकर निर्माण शाखा में टिका हुआ है और अपनी दूकानदारी चला रहा है.