महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार में सब ठीक नहीं, उद्धव ठाकरे का क्या होगा?

महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार में सब ठीक नहीं, उद्धव ठाकरे का क्या होगा?

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार में दरार अब साफ दिख रही है। राहुल गांधी और बालासाहेब थोराट के बाद अब कांग्रेस के एक और बड़े नेता ने इस पर मुहर लगाई है। राज्य के कैबिनेट मंत्री और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने माना है कि गठबंधन सरकार में अनबन है। इन सबके बीच सोमवार को उद्धव ठाकरे से कांग्रेस नेताओं की मुलाकात होने वाली है।

अशोक चव्हाण ने गठबंधन सरकार में तकरार के लिए ब्यूरोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही चव्हाण ने कहा कि जल्द ही इस मुद्दे को शिवसेना सुप्रीमो और सीएम उद्धव ठाकरे के सामने उठाया जाएगा। चव्हाण ने कहा, 'हां एमवीए के घटक दलों और ब्यूरोक्रेसी के बीच कुछ मुद्दे हैं। हम इस पर सीएम के साथ चर्चा करेंगे। हम सीएम ठाकरे से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। हम उनके सामने सभी मुद्दों को विस्तार से उठाएंगे। हम अगले दो दिन में मीटिंग की उम्मीद कर रहे हैं।'

इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री बालासाहेब थोराट ने भी इसी तरह का बयान दिया था। उन्होंने कहा था, 'एमवीए के सहयोगियों में कुछ मुद्दे हैं, जिनका समाधान बातचीत से निकल आएगा। लेकिन हम यह कहना चाहते हैं कि कांग्रेस को सरकार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिकार मिलना चाहिए।'

शनिवार को आरपीआई के नेता रामदास आठवले ने महाराष्ट्र सरकार को समर्थन देने को लेकर कांग्रेस को एक बार फिर विचार करने की नसीहत दी। आठवले ने कहा, 'कांग्रेस वह पार्टी है जिसके समर्थन से यह सरकार चल रही है। अगर उसे गठबंधन में अहमियत नहीं मिल रही है तो उसे सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा बने रहने के बारे में सोचना चाहिए।'

गठबंधन की तीन सहयोगियों में से एक कांग्रेस निर्णय लेने की प्रक्रिया और अहम बैठकों में खुद को शामिल कराने का प्रयास कर रही है। पार्टी के एक सूत्र ने शनिवार को बताया कि प्रदेश कांग्रेस के नेता इस मुद्दे के साथ ही कुछ अन्य मामलों पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अगले हफ्ते मुलाकात कर सकते हैं। कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार से कोविड-19 वैश्विक महामारी और चक्रवात ‘निसर्ग’ से प्रभावित लोगों को राहत देने समेत अन्य कई मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे ऐसी भावना पैदा हो रही है कि प्रदेश कांग्रेस को अलग-थलग कर दिया गया है।