'मेड इन इंडिया' Covid-19 टेस्टिंग किट के लिए पुणे की कंपनी को मिली पहली सरकारी अनुमति

'मेड इन इंडिया' Covid-19 टेस्टिंग किट के लिए पुणे की कंपनी को मिली पहली सरकारी अनुमति

एक पुणे स्थित कंपनी ने कहा है कि उसे सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की ओर से Covid-19 टेस्ट किट के व्यावसायिक प्रयोग की अनुमति मिल गई है.

मॉलिक्यूलर डायग्नॉस्टिक्स कंपनी माईलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन्स (Mylab Discovery Solutions) के एमडी हसमुख रावल ने सोमवार को कहा, "मेक इन इंडिया (Make in India) पर जोर देते हुए और स्थानीय और केंद्रीय सरकार के समर्थन से, Covid-19 किट को WHO/CDC की गाइडलाइनों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है. इसे रिकॉर्ड समय में बनाया और आजमाया गया है."

'वर्तमान में मौजूद टेस्टिंग किट के मुकाबले एक चौथाई होगी कीमत'
कंपनी ने कहा है कि इस किट की कीमत, वर्तमान में प्रयोग की जा रही टेस्टिंग किट (Testing Kit) की कीमत के मुकाबले करीब एक-चौथाई होगी.

कोरोना की टेस्टिंग फीस की सरकार ने तय की सीमा
सैंपल्स की टेस्टिंग (Testing of Samples) की अधिकतम लागत 4500 रुपये तय की गई है. इसमें से 1500 रुपये संभावित मामलों के स्क्रीनिंग की लागत है और अतिरिक्त 3000 रुपये टेस्ट के कंफर्मेशन के लिए देने होंगे.

सोमवार को ICMR के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने कहा, "इन सभी लैबों के पास देशभर में 15,000 लैब की श्रंखला है. हमारा काम जल्द ही और भी लैब को इसमें शामिल करने का है."

देश भर में इन लैब को दी गई है कोरोना टेस्टिंग की सुविधा
इन लैब में दिल्ली की लाल पैथ लैब्स (Lal Path Labs), गुजरात की उनीपथ स्पैशियाल्टी लैबोरेटरी, हरियाणा की स्ट्रैंड लाइफ साइंसेस और एसआरएल लिमिटेड, तमिलनाडु में सीएमसी और अपोलो हॉस्पिटल शामिल हैं. जबकि महाराष्ट्र (Maharashtra) में पांच लैब हैं, जिसमें थायरोकेयर टेक्नोलॉजीस लिमिटेड, सबअर्बन डायग्नॉस्टिक्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड, सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, मॉलीक्यूलर मेडिसिन, रिलायंस लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड और एसआरएल लिमिटेड शामिल हैं.