बीजेपी में सिंधिया ‘युग’, अपने दिग्गजों को किया किनारे?

बीजेपी में सिंधिया ‘युग’, अपने दिग्गजों को किया किनारे?

शिवराज कैबिनेट का विस्तार हो गया है। 5 लोगों को मिनी कैबिनेट में जगह मिली है। कैबिनेट गठन के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। टीम शिवराज में 40 फीसदी हिस्सेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया की है। इसके साथ ही यह कहा जा रहा है कि अब बीजेपी में सिंधिया युग की शुरुआत हो चुकी है। यह कैबिने सिंधिया के अनुरूप ही है। इसके लिए बीजेपी ने अपने दिग्गज नेताओं को किनारा किया है। शिव की नई टीम पर कांग्रेस ने मजे लिए हैं।

आखिरी वक्त में रेस से बाहर
शिवराज कैबिनेट का विस्तार कोरोना की वजह से नहीं हो रहा था, जब विस्तार की चर्चा शुरू हुई तो यह साफ हो गया कि कैबिनेट छोटी होगी। लेकिन इतनी छोटी की आशंका किसी को नहीं थी। सोमवार तक बीजेपी के दोनों कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव रेस में थे। शिवराज के तीनों कार्यकाल में ये दोनों नेता अहम मंत्रालयों को संभालते रहे हैं। गोपाल भार्गव तो 8 बार के विधायक हैं। भूपेंद्र सिंह को तो पूरी उम्मीद थी कि वह कैबिनेट में शामिल होंगे। सोमवार सुबह वह भोपाल पहुंच भी गए थे।

क्यों किए गए किनारा
भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव सागर जिले से ही आते हैं। उस इलाके से दूसरे दावेदार भी हैं। अभी कैबिनेट छोटी ही रखनी है, अगर इन दोनों को एक साथ कैबिनेट में शामिल किया जाता तो दूसरे दावेदार भी मुखर रूप से सामने आने लगते। मंत्रियों की शपथ के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि किसी को किनारा नहीं किया गया है। गोपाल भार्गव जी हमारे वरिष्ठ साथी हैं।

सिंधिया युग
शिवराज कैबिनेट में 5 में 2 लोग सिंधिया कोटे से हैं। ऐसे में यह तो तय है कि बीजेपी ने सिंधिया की पसंद का पूरा ख्याल रखा है। यह बात सिर्फ मंत्रिमंडल तक ही सीमित नहीं है। ग्वालियर-चंबल संभाग में भी शिवराज सरकार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की पसंद से अफसरों की तैनाती की है। कमलनाथ की सरकार में हटाए ग्वालियर नगर निगम के आयुक्त संदीप कुमार माकिन की तैनाती फिर से कर दी गई है। ईओडब्ल्यू ने सिंधिया के खिलाफ जमीन घोटाले में जो जांच शुरू की थी, उसे शिवराज सरकार आते ही बंद कर दिया गया है।