चक्का जाम: किसानों ने रोकी रफ्तार, महिलाओं ने हाईवे पर किया कीर्तन

चक्का जाम:  किसानों ने रोकी रफ्तार, महिलाओं ने हाईवे पर किया कीर्तन

हरियाणा के पलवल जिले में किसानों ने आटोहा चौक पर बैठकर नेशनल हाइवे पर चक्का जाम कर दिया है। किसान आटोहा चौक के कट पर बैठे हुए हैं। यहां से भारी वाहनों को छोड़कर बाकी सभी वाहनों को नेशनल हाइवे की दोनों लेन पर जाने दिया जा रहा है। दोपहर 12 बजे से किसानों का धरना फिलहाल शांति पूर्वक चल रहा है। मौके पर भारी तादाद में पुलिस और अर्द्ध सैनिक बल तैनात हैं, लेकिन पुलिस ने किसानों को हाईवे जाम करने से नहीं रोका। चक्का जाम के दौरान महिलाओं के गाने और कीर्तन के साथ ही ट्रैक्टरों में भरकर किसानों का धरना स्थल पर पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है।

किसानों ने सिर्फ दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे को ही जाम किया है। केजीपी ओर केएमपी एक्सप्रेस-वे पर किसान नहीं गए हैं, जिससे पुलिस ने राहत की सांस ली है। किसान नेता अरुण जेलदार का कहना है कि उनका मकसद लोगो को परेशान करने का नहीं है बल्कि शांति पूर्वक अपना विरोध दर्ज करना है। इस धरने के जरिये सरकार को कृषि कानूनों के प्रति अपनी असहमति दर्ज करवाना है।

फरीदाबाद के पृथला गांव में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ की ओर से किसान नेताओं ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया। इससे पलवल से दिल्ली की ओर जा रहे वाहनों की लंबी कतार लग गई। उधर, दिल्ली से पलवल की ओर जाने वाले वाहनों को पुलिस ने पहले से ही रोका हुआ था। इस जाम से यात्री बेहाल नजर आए। काफी संख्या में यात्री सड़कों पर पैदल चलते नजर आ रहे हैं। जाम खुलने के अभी कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

बता दें कि, 6 फरवरी को किसानों के राष्ट्रव्यापी 'चक्का जाम' को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में शनिवार को चक्का जाम के दौरान मार्गों को बंद नहीं किया जाएगा। मोर्चा ने कहा कि किसान देश के अन्य हिस्सों में शांतिपूर्ण तरीके से तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों को बाधित करेंगे।

इसके बावजूद, कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर शनिवार को किसानों के राष्ट्रव्यापी 'चक्का जाम' के कारण पैदा हो सकने वाले हालात से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के हजारों जवानों को तैनात किया गया है और सभी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। हालात पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ली जा रही है। लाल किले एवं आईटीओ समेत राजधानी के अहम स्थानों पर बलों को तैनात किया गया है। लाल किले और आईटीओ पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी।