खुलासा! परियोजना प्रशासक में बैठकर इस तरह आठ महीने बाद भी एसी आफ़िस की 'निर्माण शाखा' चला रहा है 'दलाल' राजेन्द्र वर्मा

खुलासा! परियोजना प्रशासक में बैठकर इस तरह आठ महीने बाद भी एसी आफ़िस की 'निर्माण शाखा' चला रहा है 'दलाल' राजेन्द्र वर्मा

सहायक आयुक्त कार्यालय खरगोन का भुतपुर्व विवादास्पद दलाल लेखापाल राजेन्द्र वर्मा स्थानान्तरण होने के आठ महीने बाद भी 'निर्माण शाखा' को बदस्तूर चला रहा है. खबर इंडिया ने इस बारे में अपने सूत्रो के जरिए पड़ताल की तो पता चला कि ना सिर्फ़ सहायक आयुक्त जे एस डामोर ने वर्मा को निर्माण शाखा का काम करते रहने की खुली छुट दे रखी है, बल्कि शाखा के कर्मचारी भी इस मिलीभगत में शामिल हैं. सुत्रो के मुताबिक निर्माण शाखा के तीन कर्मचारी - सहायक ग्रेड 3 मधु बघेल, चेतन सोलंकी और भ्रत्य जीतेन्द्र चौहान - राजेन्द्र वर्मा और निर्माण शाखा को फ़िलहाल सम्भाल रहे हरीश परसाई के बीच की कड़ी बन गए हैं.

सुत्रो के मुताबिक ये कर्मचारी निर्माण शाखा की सभी फ़ाईले 'दलाल' राजेन्द्र वर्मा के पास लेकर जाते हैं. फ़िर राजेन्द्र वर्मा अपने हिसाब से सेटिन्ग करके, सबका कमीशन निकालकर, फ़ाईले इन कर्मचारियो के जरिए फ़ाईले वापस निर्माण शाखा में पहुँचा देता है, फ़िर हरीश परसाई, जिसे निर्माण शाखा की एबीसीडी भी नहीं आती, आंख बन्द करके इनपे साईन कर देता है.

खबर इंडिया के खुलासो के बाद लेखापाल राजेन्द्र वर्मा का आदेश सिर्फ़ औपचारिकता निभाने के लिए सहायक परियोजना प्रशासक खरगोन में ही दो कदम की दूरी पर कर दिया गया था.

पिछले छः साल से निर्माण शाखा चला रहे राजेन्द्र वर्मा ने जिले के एक-एक ठेकेदार के साथ पर्सनल सेटिन्ग कर रखी है. एक मामूली सा बाबू होने के बावजूद भी अपनी दोनों बेटियो की शादी शाही अंदाज में करने वाला राजेन्द्र वर्मा सहायक आयुक्तो को अपनी जेब में रखने का दावा खुलेआम करता है.

अपनी इसी दूकानदारी को बनाए रखने के लिए राजेन्द्र वर्मा ने अपना स्थानान्तरण दो कदम दूर करवा लिया और अपने खास हरीश परसाई को निर्माण शाखा दिला दी, जिसे कम्प्यूटर की एबीसीडी भी नहीं आती और उसके रिटायर्मेन्ट में भी एक सालबचा है.

इसी का फ़ायदा उठाकर आठ महीने बाद भी राजेन्द्र वर्मा निर्माण शाखा चला रहा है.