खरगोन सहायक आयुक्त ने चार विवादास्पद कर्मचारियो - परिहार, मीणा, वर्मा, पन्वार के स्थानान्तरण की फ़ाईल प्रभारी मंत्री को भेजी

खरगोन सहायक आयुक्त ने चार विवादास्पद कर्मचारियो - परिहार, मीणा, वर्मा, पन्वार के स्थानान्तरण की फ़ाईल प्रभारी मंत्री को भेजी
खरगोन सहायक आयुक्त ने चार विवादास्पद कर्मचारियो - परिहार, मीणा, वर्मा, पन्वार के स्थानान्तरण की फ़ाईल प्रभारी मंत्री को भेजी

सहायक आयुक्त कार्यालय खरगोन में पदस्थ तीन कर्मचारियो - लेखापाल राजेन्द्र वर्मा, लेखापाल एके मीणा, सहायक ग्रेड-3 योगेश परिहार और सहायक आयुक्त कार्यालय के अधिनस्थ बीईओ कार्यालय खरगोन में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 सुरेश पन्वार के खिलाफ गम्भीर शिकायतो के मामले में सहायक आयुक्त जे एस डामोर ने स्थानान्तरण की सूची प्रभारी मंत्री को भेज दी है.

सूत्रो के मुताबिक तीन कर्मचारिओ - परिहार, मीणा और सुरेश पन्वार के नाम डामोर ने पहले ही सूची में जुड़वा दिए थे, लेकिन वर्मा का नाम नहीं जोड़ा था. लेकिन मामला भोपाल तक पहुँच गया है, इसलिए सोमवार को डामोर ने वर्मा का नाम भी सूची में जुड़वा दिया.

हालांकि, डामोर ने सूची में चारो के स्थानान्तरण की जगह को खाली छोड़ दिया है, जिसके चलते चारों विवादास्पद कर्मचारी अभी भी जिले के भीतर ही स्थानान्तरण की जुगाड में लगे है, जबकि जिले के सभी विधायको ने उनको जिले के बाहर स्थानान्तरण के पत्र लिखे थे.

 गौरतलब है कि कुछ महीने पहले भीकनगान्व विधायक महोदया श्रीमती झुमा सोलंकी द्वारा प्रदेश के माननीय जनजातीय कार्य विभाग मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम को पत्र लिखा गया, जिसमे चारो कर्मचारिओ को जिले से बाहर स्थानान्तरण की मांग की गई थी.

पत्र में माननीय विधायक महोदया द्वारा खुले तौर पर आरोप लगाया गया कि उक्त चारों कर्मचारी जिले में 10 वर्षो से पदस्थ होकर सभी की कार्यप्रणाली संदिग्ध, विवादास्पद है. साथ ही चारों कर्मचारिओ के खिलाफ एक विशेष पार्टी के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप भी लगाया गया, जो कि किसी भी शासकीय कर्मचारी के खिलाफ सबसे गम्भीर आरोप होता है.

सहायक ग्रेड-3 योगेश परिहार के खिलाफ माननीय भीकनगान्व विधायक महोदया के साथ ही भगवानपुरा तत्कालीन विधायक श्री विजय सोलंकी द्वारा भी शिकायत की गई थी.

मामले की गंभीरता को समझते हुये माननीय जनजातीय कार्य विभाग मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम द्वारा उक्त चारों कर्मचारियो की जिले से बाहर स्थानान्तरण की तत्काल अनुशंसा कर दी गई थी.

उक्त अनुशंसा का पत्र क्रमांक 83/18.1.19 (राजेन्द्र वर्मा), 84/18.1.19 ( एके वीणा), 86/10.1.19 ( सुरेश पन्वार), 88/4.2.19 (योगेश परिहार) माननीय विभागीय मंत्री के कार्यालय से सहायक आयुक्त कार्यालय, खरगोन को प्रेषित किए गए थे.

उक्त अनुशंसा पत्र के जवाब में सहायक आयुक्त कार्यालय, खरगोन द्वारा जिले से बाहर स्थानान्तरण की अनुशंसा की जाने की बात कहकर प्रस्ताव मप्र शासन को भेजे गए, जिसका जावक क्रमांक 5370-71/06 03/19 (प्रमुख सचिव) और 5372-73/ 06 03/19 है.

खरगोन सहायक आयुक्त कार्यालय इस विभागीय पत्र व्यवहार के बाद भी उक्त चारों कर्मचारियो के स्थानान्तरण करने की जहमत नहीं उठाई, जबकि माननीय विभागीय मंत्री ने भी चारो के स्थानान्तरण की अनुशंसा कर दी थी.
 
यह दर्शाता है कि उक्त चारों कर्मचारी ने प्रशासनिक स्तर पर साँठगांठ करके कार्यवाही को दबा दिया. खबर इंडिया द्वारा जब आयुक्त कार्यालय भोपाल में उक्त कर्मचारिओ के स्थानानतरण की नोटशीट की तहकीकात की गई तो आयुक्त कार्यालय द्वारा जवाब दिया गया कि उनके स्थानानतरण की फ़ाईल वहां पहुंची ही नहीं है, जो कि एक गंभीर साजिश की और संकेत देता है.

सूत्रो के मुताबिक, वर्मा जिले के नेताओ के अनुसंशा पत्र इकट्ठा करके अभी भी अपना स्थानान्तरण रूकवाने के लिए भोपाल तक दौड़ रहा है. खबर इंडिया के पास बड़वाह विधायक सचिन बिडला का अनुशंसा पत्र है, जो वर्मा ने अपना स्थानान्तरण रूकवाने के लिए लगाया है.