खबर इंडिया की बड़ी जीत: सहायक आयुक्त कार्यालय खरगोन के पांचों 'एजेंट' कर्मचारियो के हो गए तबादले

खबर इंडिया की बड़ी जीत: सहायक आयुक्त कार्यालय खरगोन के पांचों 'एजेंट' कर्मचारियो के हो गए तबादले
खबर इंडिया की बड़ी जीत: सहायक आयुक्त कार्यालय खरगोन के पांचों 'एजेंट' कर्मचारियो के हो गए तबादले
खबर इंडिया की बड़ी जीत: सहायक आयुक्त कार्यालय खरगोन के पांचों 'एजेंट' कर्मचारियो के हो गए तबादले

खबर इंडिया को एक बड़ी जीत मिली है. पिछले तीन महीने में खबर इंडिया द्वारा सहायक आयुक्त कार्यालय में पदस्थ चार कर्मचारियो - लेखापाल राजेन्द्र वर्मा, लेखापाल एके मीणा, सहायक ग्रेड-3 योगेश परिहार, सहायक ग्रेड-3 संतोष पन्वार और बीईओ कार्यालय खरगोन में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 सुरेश पन्वार के स्थानान्तरण को जिले के विधायको की अनुशंसा के बावजूद दबाये जाने की खबरे छापी जा रही थी.

खबर इंडिया ने इस मामले से समूचे प्रदेश को अवगत करा दिया था, जिसके चलते आखिरकार इन पाँचो विवादास्पद कर्मचारियो के दबादले आदेश शनिवार को जारी कर दिए गए.

खबर इंडिया के एक के बाद एक खुलासो के चलते इन पांचों कर्मचारियो को उनके आका लाख कोशिशो के बाद भी बचा नहीं पाए. खासकर वर्मा, मीणा और परिहार पिछले एक महीने से तबादलो को निरस्त कराने के लिए भोपाल में डेरा जमाकर बैठे थे. लेकिन खबर इंडिया के दबाव के चलते ना उनके पैसे का जोर चला और ना ही नेतागिरी की सिफ़ारिश चली.

शनिवार को आखिरकार पांचों कर्मचारियो के तबादले के आदेश जारी कर दिए गए.

राजेन्द्र वर्मा को परियोजना प्रशासक खरगोन, एके मीणा को उमावि नागझिरी, संतोष पन्वार को उत्कृष्ट उमावि भगवानपूरा, सुरेश पन्वार को जनपद पंचायत भगवानपूरा के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है.

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले भीकनगान्व विधायक महोदया श्रीमती झुमा सोलंकी द्वारा प्रदेश के माननीय जनजातीय कार्य विभाग मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम को पत्र लिखा गया था, जिसमे सहायक आयुक्त कार्यालय और बीईओ आफ़िस के पांच कर्मचारिओ - राजेन्द्र वर्मा, एके मीणा, सुरेश पन्वार, संतोष पन्वार और योगेश परिहार - को जिले से बाहर स्थानान्तरण की मांग की गई थी.

पत्र में माननीय विधायक महोदया द्वारा खुले तौर पर आरोप लगाया गया कि उक्त सभी कर्मचारी जिले में 10 वर्षो से पदस्थ होकर सभी की कार्यप्रणाली संदिग्ध, विवादास्पद है. साथ ही सभी कर्मचारिओ के खिलाफ एक विशेष पार्टी के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप भी लगाया गया, जो कि किसी भी शासकीय कर्मचारी के खिलाफ सबसे गम्भीर आरोप होता है.

सहायक ग्रेड-3 योगेश परिहार के खिलाफ माननीय भीकनगान्व विधायक महोदया के साथ ही भगवानपुरा तत्कालीन विधायक द्वारा भी शिकायत की गई थी.

मामले की गंभीरता को समझते हुये माननीय जनजातीय कार्य विभाग मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम द्वारा उक्त चारों कर्मचारियो की जिले से बाहर स्थानान्तरण की तत्काल अनुशंसा कर दी गई थी. 

उक्त अनुशंसा का पत्र क्रमांक 83/18.1.19 (राजेन्द्र वर्मा), 84/18.1.19 ( एके वीणा), 86/10.1.19 ( सुरेश पन्वार), 88/4.2.19 (योगेश परिहार) माननीय विभागीय मंत्री के कार्यालय से सहायक आयुक्त कार्यालय, खरगोन को प्रेषित किए गए थे.

उक्त अनुशंसा पत्र के जवाब में सहायक आयुक्त कार्यालय, खरगोन द्वारा जिले से बाहर स्थानान्तरण की अनुशंसा की जाने की बात कहकर प्रस्ताव मप्र शासन को भेजे गए, जिसका जावक क्रमांक 5370-71/06 03/19 (प्रमुख सचिव) और 5372-73/ 06 03/19 है.

खरगोन सहायक आयुक्त कार्यालय इस विभागीय पत्र व्यवहार के बाद भी उक्त चारों कर्मचारियो के स्थानान्तरण करने की जहमत नहीं उठाई, जबकि माननीय विभागीय मंत्री ने भी चारो के स्थानान्तरण की अनुशंसा कर दी थी.

सूत्रो के मुताबिक, खबर इंडिया द्वारा मामले की जानकारी जिले के कांग्रेसी नेताओ को दिए जाने और भोपाल आयुक्त को भी इससे अवगत कराये जाने के बाद डामोर को मजबूरी में सभी कर्मचारिओ के नाम स्थानान्तरण सूची में जुड़वाना पड़े.

मामले की खरगोन से लेकर भोपाल तक खबर इंडिया के मालिक पुष्पेन्द्र आल्बे ने मार्च में सभी दस्तावेजो और सबूतो के साथ शिकायत की थी और पांच महीने की लंबी लड़ाई के बाद खरगोन सहायक आयुक्त कार्यालय और बीईओ कार्यालय के इन पांचों एजेंट कर्मचारियो की तानाशाही से मुक्त करा दिया.