'कार्यमुक्ति' के एक महीने बाद भी एसी आफ़िस में टिका है अश्विन गुप्ता, हो गई 'सेटिन्ग'?

'कार्यमुक्ति' के एक महीने बाद भी एसी आफ़िस में टिका है अश्विन गुप्ता, हो गई 'सेटिन्ग'?

31 जनवरी को ही सहायक आयुक्त जेएस  डामोर द्वारा 'तत्काल प्रभाव' से कार्यमुक्ति का आदेश जारी कर दिए जाने के बावजूद क्रीडा अधिकारी अश्विन गुप्ता अभी भी  एसी आफ़िस में ही ड्युटी बजा रहा है. सहायक आयुक्त जे एस डामोर की प्रभावहीन और लचर कार्यप्रणाली का फ़ायदा उठाकर अश्विन गुप्ता आज दिनांक (25 जनवरी, मंगलवार) तक भी एसी आफ़िस में ही टिका हुआ है.

सुत्रो के मुताबिक सोमवार को नदारद होने के बाद आज फ़िर अश्विन गुप्ता एसी आफ़िस ड्युटी पर पहुंच गया. एसी आफ़िस में चर्चा है कि अश्विन गुप्ता ने अधिकारी के साथ सेटिन्ग कर ली है, जिसके चलते कार्यमुक्ति का आदेश जारी होने के बाद भी वो एसी आफ़िस छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है. 31 जनवरी को ही उसकी मूल पदस्थापना कन्या उमावि, क्रमांक 2 के लिए तत्काल प्रभाव से रिलीव कर दिया था. लेकिन अश्विन गुप्ता ने आवक-जावक शाखा से कार्यमुक्ति के आदेश ही गायब करवा दिए. इस वजह से कार्यमुक्ति आदेश की प्रतिलिपि कलेक्टर, कन्या उमावि प्राचार्य और लेखापाल राजेश दान्गी के पास पहुंच ही नहीं पाई.

वैसे भी, जे एस डामोर के कार्यकाल में कर्मचारियो द्वारा उनके आदेश की अव्हेलना करना आम बात हो गई है. पिछले साल जून में खबर इंडिया द्वारा पांच 'एजेण्ट' कर्मचारियो के स्थानान्तरण के ड्रामे का खुलासा किए जाने केबाद भी बीइओ आफ़िस का 'दलाल' कर्मचारी सुरेश पन्वार और एसी आफ़िस का 'दलाल' कर्मचारी राजेन्द्र वर्मा महीनो तक रिलीव नहीं हुए. राजेन्द्र वर्मा तो आज दिनांक तक भी परियोजना प्रशासन एकीकृत में बैठकर एसी आफ़िस की निर्माण शाखा धड़ल्ले से चला रहा है.

क्या है पूरा मामला: सुत्रो के मुताबिक, कुछ समय पहले आजाक सम्भागीय उपायुक्त गणेश भाँवर जिले के भगवानपूरा ब्लाक में निरिक्षण के लिए आया था. उस वक्त खरगोन सहायक आयुक जेएस डामोर इन्दौर गया हुआ था, इसलिए उसने अश्विन गुप्ता को भाँवर की आवभगत के इंतज़ाम करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. सुत्रो के मुताबिक्, आफ़िस के पुष्पेन्द्र पन्वार और कुछ मुहलगे अधिक्षको के माध्यम से अश्विन गुप्ता ने भाँवर के लिए शराब और कबाब की अच्छी खासी महफ़िल सजाई. लेकिन, पार्टीबाजी के दौरान इस कदर शराब पी गई कि भाँवर बिना कुछ खाये ही वापस लौट गया.

इसी से गुस्सा होकर जेएस डामोर ने अश्विन गुप्ता को 31 जनवरी को उसकेर मूल पदस्थापना कन्या उमावि, क्रमांक 2, खरगोन के लिए कार्यमुक्त कर दिया. खबर इंडिया के पास उक्त आदेश की कापी है, जिसमे अश्विन गुप्ता को तत्काल कार्यमुक्त करने और आफ़िस के राजेश दान्गी को उसके वित्तीय प्रभार लेने के लिए आदेशित किया गया है.

लेकिन अश्विन गुप्ता ने न सिर्फ़ जेएस डामोर के आदेश की धज्जियां उड़ा दी, उससे भी दो कदम आगे जाकर आवक शाखा से आदेश की प्रतियां ही गायब करवा दी.