कोरोना काल में 'बैंड-बाजा-बारात' को मंजूरी नहीं, इंदौर में सैकड़ों शादियां टलीं

कोरोना काल में 'बैंड-बाजा-बारात' को मंजूरी नहीं, इंदौर में सैकड़ों शादियां टलीं

कोरोना वायरस के कहर का असर अब शादी-विवाहों में भी दिखने लगा है। हिंदू समुदाय में लम्बे अंतराल के बाद वैवाहिक मुहूर्त सोमवार से शुरू होने वाले हफ्ते से प्रारंभ होने जा रहा है। मगर कोरोना महामारी के घातक प्रकोप के कारण मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रशासन ने फिलहाल विवाह समारोहों को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। नतीजतन सैकड़ों शादियां टल गई हैं और लोगों की 'बैंड-बाजा-बारात' की योजना धरी की धरी रह गई है। 

जिलाधिकारी मनीष सिंह ने रविवार को बताया, 'कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए हम अभी जिले में शादी समारोहों को अनुमति नहीं दे सकते। हमें आम लोगों की सेहत की चिंता है।' गौरतलब है कि महामारी की ऊंची संक्रमण दर के मद्देनजर प्रशासन ने शनिवार को ही फैसला किया कि इंदौर के नगरीय क्षेत्रों में 12 अप्रैल से जारी कोरोना कर्फ्यू (आंशिक लॉकडाउन) 23 अप्रैल तक बरकरार रहेगा। 

इस बीच, इंदौर होटलियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित सूरी ने बताया, 'अप्रैल और मई में स्थानीय होटलों तथा वैवाहिक हॉलों में करीब 1,500 शादियों की बुकिंग थी। लेकिन महामारी के प्रकोप के चलते लोगों ने अधिकांश बुकिंग निरस्त कर दी हैं।' उन्होंने मोटे अनुमान के हवाले से बताया कि ये शादियां टलने से स्थानीय होटल उद्योग को कम से कम 200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। 

गौरतलब है कि इंदौर, सूबे में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां महामारी की दूसरी लहर के घातक प्रकोप के बीच खासकर रेमडेसिविर दवा तथा मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत बनी हुई है। इसके साथ ही, मरीजों को अस्पतालों में एक अदद बिस्तर हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।  स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इंदौर जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 89,317 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,047 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।