कमलनाथ और कांग्रेस की दलीलें खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राज्यपाल, मुख्यमंत्री से बहुमत दिखाने को कह सकते हैं

कमलनाथ और कांग्रेस की दलीलें खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राज्यपाल, मुख्यमंत्री से बहुमत दिखाने को कह सकते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि राज्यपाल के सीएम को बहुमत दिखाने के लिए कहने में कोई बाधा नहीं है अगर उनके पास ऐसा करने के लिए अच्छे कारण हैं तो. राज्यपाल इस शक्ति का प्रयोग चल रही विधानसभा में भी कर सकते हैं.  सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता  कमलनाथ और मध्य प्रदेश की कांग्रेस की उस दलील को भी खारिज कर दी जिसमें उनका कहना कि राज्यपाल चल रही विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए नहीं कह सकते.

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि मध्य प्रदेश में राज्यपाल का फ्लोर टेस्ट का आदेश बिलकुल सही था. कोर्ट ने कांग्रेस की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी के इस तर्क को मंजूर नहीं किया कि राज्यपाल आदेश पारित नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल स्वयं कोई निर्णय नहीं ले रहे हैं.

राज्यपाल एक फ्लोर टेस्ट बुला रहे हैं.  सदन में दो तौर-तरीके होते हैं- अविश्वास प्रस्ताव या फ्लोर टेस्ट. फ्लोर टेस्ट क्यों जरूरी है, इस पर एसआर बोम्मई मामले के बाद से कोई फैसला नहीं हुआ है. इसमें राज्यपाल ने अनुच्छेद 356 के तहत शक्ति का प्रयोग किया है. बोम्मई ने दिखाया है कि विश्वास मत को एक विधानसभा में रखा जा सकता है.  इसमें संवैधानिक कानून और राज्यपाल की शक्तियों पर एक विस्तृत निर्णय दिया है.