आईटीआई पानसेमल का प्रभारी प्राचार्य निगवाल फ़र्जी ई-अटेन्डेन्स लगाने के आरोपो के घेरे में!

आईटीआई पानसेमल का प्रभारी प्राचार्य निगवाल फ़र्जी ई-अटेन्डेन्स लगाने के आरोपो के घेरे में!

आईटीआई पानसेमल का प्रभारी प्राचार्य निगवाल फ़र्जी ई-अटेन्डेन्स लगाने के आरोपो के घेरे में!

मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के आईटीआई पानसेमल का प्रभारी प्राचार्य निगवाल
फ़र्जी ई-अटेन्डेन्स लगाने के आरोपो के घेरे में आ गया है!

मध्य प्रदेश की शिक्षा के स्तर को सुधारने और शिक्षको की उपस्थिति में फ़र्जीवाडे को रोकने के लिए लाई गई ई-अटेन्डेन्स की अनिवार्यता निसन्देह एक सराहनीय कदम है. हालांकि, इसमें भी गड़बड़झाले की खबरे लगातार सुर्खिया बनती रहती है.

इसी तरह के एक मामले में खबर इंडिया को शिकायत मिली थी कि आईटीआई पानसेमल का प्रभारी प्राचार्य इसराम निगवाल
फ़र्जी ई-अटेन्डेन्स लगा रहा है. शिकायतकर्ताओ ने खबर इंडिया को जानकारी दी थी कि निगवाल सप्ताहांत में ज्यादातर खरगोन में अध्ययनरत अपने बच्चों के पास ही रहता है और वही से फ़र्जी ई-अटेन्डेन्स लगा देता है.

शिकायत की सत्यता की जांच के लिए खबर इंडिया के रिपोर्टर ने शनिवार 29 फ़रवरी को सृजन कन्सल्टेन्सी, इन्दौर का असिस्टेंट मेनेजर बनकर फ़ोन लगाया. शिकायतकर्ताओ के मुताबिक निगवाल तब तक खरगोन से ही ई-अटेन्डेन्स लगा चुका था. खबर इंडिया के रिपोर्टर ने जब निगवाल से फ़ोन पर बात की तो उसने काम से बाहर होने का बहाना बनाकर अपने साथी कर्मचारी रवीन्द्र शौरे से मिलने की बात कहीं. इसके बाद खबर इंडिया के रिपोर्टर ने शाम के पांच बजे तक आईटीआई पानसेमल पर नजर रखी, लेकिन निगवाल नहीं आया.

इसके बाद निगवाल से फ़र्जी ई-अटेन्डेन्स के बारे में पुछताछ की गई तो उसने अपने फ़र्जीवाडे को छुपाने के लिए ई-अटेन्डेन्स के सिस्टम के फ़ेल होने, नेटवर्क ना होने जैसे बहाने बनाए और साथ ही आगे से इस तरह की गलती न दोहराने की बात भी कही.

खबर को प्रकाशित करने के साथ ही निगवाल के उच्च अधिकारियो को भी इस बारे में अवगत कराया जा रहा है.